antarvasna sexy story हेल्लो दोस्तों मैं कविता आप सभी का kphot.ml में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रहीं हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।
मै बिहार में रहती हूँ। मेरी उम्र 28 साल है। मेरी फिगर 36 32 38 है। मेरी कद ज्यादा लंबी तो नहीं है। लेकिन मैं देखने में बहुत ही सुन्दर हूँ। मेरी फिगर का तो कोई जबाब ही नहीं है। मेरी बूब्स बहुत ही गोल है।देखने में जैसे दो संतरे लगते हैं। जिस दिन मैं ब्रा नहीं पहन के चलती हूँ। मेरी बूब्स उछल उछल के धमाल मचा देते है। देखते ही लड़को के लंड का बुरा हाल हो जाता है। मैंने कई बार लड़को को अपनी चूत का भरपूर आनंद दिया है। लेकिन सबसे पहले ये आनंद लिया था। मेरी बहन के बेटे ने। जिसने मुझे भी अपने लंड का सबसे पहले आनंद दिया था।मेरी गांड भी बहुत ही गोल मटोल है। जब मैं चलती हूँ। तो वो भी ऊपर नीचे होती रहती हैं। मेरी चूत बहुत ही साफ़ और गोरी है। मेरी चूत बहुत ही चिकनी है।जो एक बार मेरी चूत के दर्शन कर लेता है। वो मेरी चूत का दीवाना हो जाता है। मेरी चूत के आशिकों की संख्या ज्यादा है। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आती हूँ।
दोस्तों पहले मैं आपको अपने परिवार के बारे में बता दूं। मेरी दो बहन और तीन भाई हैं।मेरी बड़ी बहन का एक लड़का है।
मै बिहार में रहती हूँ। मेरी उम्र 28 साल है। मेरी फिगर 36 32 38 है। मेरी कद ज्यादा लंबी तो नहीं है। लेकिन मैं देखने में बहुत ही सुन्दर हूँ। मेरी फिगर का तो कोई जबाब ही नहीं है। मेरी बूब्स बहुत ही गोल है।देखने में जैसे दो संतरे लगते हैं। जिस दिन मैं ब्रा नहीं पहन के चलती हूँ। मेरी बूब्स उछल उछल के धमाल मचा देते है। देखते ही लड़को के लंड का बुरा हाल हो जाता है। मैंने कई बार लड़को को अपनी चूत का भरपूर आनंद दिया है। लेकिन सबसे पहले ये आनंद लिया था। मेरी बहन के बेटे ने। जिसने मुझे भी अपने लंड का सबसे पहले आनंद दिया था।मेरी गांड भी बहुत ही गोल मटोल है। जब मैं चलती हूँ। तो वो भी ऊपर नीचे होती रहती हैं। मेरी चूत बहुत ही साफ़ और गोरी है। मेरी चूत बहुत ही चिकनी है।जो एक बार मेरी चूत के दर्शन कर लेता है। वो मेरी चूत का दीवाना हो जाता है। मेरी चूत के आशिकों की संख्या ज्यादा है। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आती हूँ।
दोस्तों पहले मैं आपको अपने परिवार के बारे में बता दूं। मेरी दो बहन और तीन भाई हैं।मेरी बड़ी बहन का एक लड़का है।
उसका नाम रोहित है। लगभग 5 साल मुझसे छोटा है। दिल्ली में बी.टेक कर रहा है। हमसे बड़े वाले भाई की शादी थी। जिसमे सब लोग आये थे। वही से मेरी और रोहित की चुदाई की कहानी बन गयी। रोहित देखने में बहुत स्मार्ट और सुन्दर लड़का है। मै तो देखते ही फ़िदा हो गई। लेकिन वो मुझे मौसी समझने की वजह से कुछ नहीं कह पा रहा था। मै भी उसे बेटा लगने की वजह से नहीं कुछ कह पा रही थी। लेकिन ये बात हम दोनों समझ रहे थे। रोहित को देखते ही मेरी चूत में खुजली होने लगती। लेकिन मैं भी चूत को उंगली से शांत कर लेती थी। जब भी मेरी चूत में खुजली होती। कहीं जाके चुपके से उंगली डाल के चूत की आग को बुझा लेती। मैंने सिर्फ ब्लू फिल्म ही देखी थी। अभी तक मैंने चुदाई नहीं करवाई थी अपनी चूत की। मै भी चुदवाना चाहती थी। लेकिन मुझे एक अच्छे लंड की तलाश थी। जो की रोहित के पास था।
रोहित जब भी कच्छा पहनता था। तो मैं उसका उभरा हुआ लंड देखती रहती थी। उसके लंड को देख कर। मेरी चूत में चुदाई के कीड़े काटने लगते। मै तो बस उससे अपनी चूत फड़वाना चाहती थी। लेकिन मैं कैसे कहती की रोहित मै तुमसे अपनी चूत फड़वाना चाहती हूँ। जबकि मै जानती थी। रोहित भी मुझे चोदना चाहता है। मै भी चुदवाने का इंतजार कर रही थी। आखिर वो घडी आ ही गई। सब लोग चले गए थे शादी को कुछ दिन हो गए थे। सब लोगो ने रोहित को रोक लिया था। अब सिर्फ रोहित ही बचा था। मेरी चूत तो फड़फड़ा रही थी चुदवाने के लिए। अब मैंने भी सोचा कोई चुदवाने का प्लान बनाती हूँ। एक दिन शाम को सब नयी वाली भाभी के साथ घूमने चले गए। मै और रोहित और दादा जी ही थे। घर बिल्कुल खाली हो गया। मैंने अब सोचा की चुदवाने के लिए कुछ करती हूँ।
रोहित जब भी कच्छा पहनता था। तो मैं उसका उभरा हुआ लंड देखती रहती थी। उसके लंड को देख कर। मेरी चूत में चुदाई के कीड़े काटने लगते। मै तो बस उससे अपनी चूत फड़वाना चाहती थी। लेकिन मैं कैसे कहती की रोहित मै तुमसे अपनी चूत फड़वाना चाहती हूँ। जबकि मै जानती थी। रोहित भी मुझे चोदना चाहता है। मै भी चुदवाने का इंतजार कर रही थी। आखिर वो घडी आ ही गई। सब लोग चले गए थे शादी को कुछ दिन हो गए थे। सब लोगो ने रोहित को रोक लिया था। अब सिर्फ रोहित ही बचा था। मेरी चूत तो फड़फड़ा रही थी चुदवाने के लिए। अब मैंने भी सोचा कोई चुदवाने का प्लान बनाती हूँ। एक दिन शाम को सब नयी वाली भाभी के साथ घूमने चले गए। मै और रोहित और दादा जी ही थे। घर बिल्कुल खाली हो गया। मैंने अब सोचा की चुदवाने के लिए कुछ करती हूँ।
मै बॉथ रूम में गई। बॉथरूम से निकल के मैंने अपने सबसे ज्यादा छोटे कपडे पहने। मैंने अपनी छोटी सी स्कर्ट पहनी। जो की काफी छोटी हो गई थी। मेरी लगभग पूरी टांगे दिख रही थी। मैं रोहित के पास सामने जा के बैठ गई। उससे बात कर रही थी। अपनी टांगो फैला के पैंटी सहित अपनी चूत का दर्शन करा देती थी। मैंने देखा मेरी पैन्टी सहित चूत को देख कर उसका लंड ऊपर उठ रहा था। उसने अपने लंड को सम्भालते हुए उठा। मैंने उसे पकड़ लिया और उसे बैठा लिया। अब वो मेरे करीब ही था। उसने बार बार अपने लंड पर हाथ रख कर उसे शांत करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मेरी जवानी को कैसे शांत करता। मैंने अपना हाथ उसके लंड पर धीरे से रख दिया। उसने मेरी तरफ देखा। वो देखता ही रह गया। मैंने उसे कहा कि मैंने कई बार छुआ है। बेटा जब तुम छोटे थे। तुम्हारा पहले भी तुरंत ही खड़ा हो जाता था। जब भी मैं इसकी मालिश करती थी। मुझे आज देखना है। कितना बड़ा हो गया है।मैंने इसे बहुत बार मालिश किया है। उसने न कहा। लेकिन मेरे बहुत कहने पर वो मान गया। उसका मन भी मुझे चोदने को कर रहा था। लेकिन डर रहा था। मैंने उसका चैन खोला। मै तो देखती ही रह गई। उसका लंड बिल्कुल ब्लू फिल्म में होता था। उससे भी मस्त था। एकदम गोरा गोरा बिल्कुल पोर्न स्टार जैसे था। मैंने उसे हाथों में पकड़ के आगे पीछे करने लगी। मैंने उसे इतना मालिश करने का आज तुम मुझे आनंद दे दो। वो कुछ नहीं बोल रहा था। मैं बहकी जा रही थी। उसके लंड को हाथ में पकड़ के। मैंने उसे रूम में चलने को कहा। अब वो भी जान गया था। मै आज चुदवा के ही रहूंगी।
उसने रूम को अंदर से लॉक कर लिया। मुझे पीछे से आ के कस के पकड लिया। मैंने उसे किस कर लिया। अब क्या होना था। वो भी मेरे होंठो पे होंठ रकह दिया। मेरी गुलाब जैसी होंठो के रस को चूस रहा था। मेरा होंठ चूस कर लाल लाल कर दिया। मैंने भी उसे किस कर रही थी। वो मेरी मुँह के अंदर जीभ तक को चूस रहा था। मैंने भी उसे किस करके भरपूर आनंद दिया। अब वो अपने हाथों से मेरी संतरे जैसे चुच्चो को दबा रहा था। उसको जोर जोर से दबा रहा था। मेरी बूब्स बहुत सॉफ्ट है। लेकिन उसने दबा दबा कर उसे टाइट कर रहा था। अब मैं गरम हो रही थी। वो भी चोदने के लिए बेकरार हो रहा था। मेरी चूत से चूत रस निकलने लगा। मैंने चुम्मा चाटी बंद करने को कहा। अब मैंने अपने हाथों से उसके पैंट को निकाल कर, उसका कच्छा निकाल दिया। अब वो नंगा मेरे सामने खड़ा था। उसका 7 इंच का लंड भी अंगड़ाई ले रहा था।उसने भी मेरे टी शर्ट और स्कर्ट को निकाल दिया। अब मैं ब्रा और पैंटी में उनके सामने खड़ी थी। उसने कहा मौसी आज मैं तुम्हारी चूत को फाड़ डालूंगा। कितने दिनों से मै तुम्हे चोदना चाहता हूँ। लेकिन हर बार मुठ ही मारना पड़ जाता था। आज मैं तुम्हे खूब चोदूंगा। मेरी तो बुर में खुजली हो रही थी। मैंने कहा चोदेगा भी या कहेगा ही। उसने अपने लंड को मुझे सौंपा और चूसने को कहा। मैंने उसका लंड अपने मुँह में रख लिया। और चूसने लगी। कभी कभी मै उसके लंड को जीभ से चाटती। उसका लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था। पूरा लंड को मै गले तक ले जाती थी। अब वो भी जोश में आने लगा। अपना लंड मेरे मुँह में गले तक अंदर बाहर करने लगा।
उसने रूम को अंदर से लॉक कर लिया। मुझे पीछे से आ के कस के पकड लिया। मैंने उसे किस कर लिया। अब क्या होना था। वो भी मेरे होंठो पे होंठ रकह दिया। मेरी गुलाब जैसी होंठो के रस को चूस रहा था। मेरा होंठ चूस कर लाल लाल कर दिया। मैंने भी उसे किस कर रही थी। वो मेरी मुँह के अंदर जीभ तक को चूस रहा था। मैंने भी उसे किस करके भरपूर आनंद दिया। अब वो अपने हाथों से मेरी संतरे जैसे चुच्चो को दबा रहा था। उसको जोर जोर से दबा रहा था। मेरी बूब्स बहुत सॉफ्ट है। लेकिन उसने दबा दबा कर उसे टाइट कर रहा था। अब मैं गरम हो रही थी। वो भी चोदने के लिए बेकरार हो रहा था। मेरी चूत से चूत रस निकलने लगा। मैंने चुम्मा चाटी बंद करने को कहा। अब मैंने अपने हाथों से उसके पैंट को निकाल कर, उसका कच्छा निकाल दिया। अब वो नंगा मेरे सामने खड़ा था। उसका 7 इंच का लंड भी अंगड़ाई ले रहा था।उसने भी मेरे टी शर्ट और स्कर्ट को निकाल दिया। अब मैं ब्रा और पैंटी में उनके सामने खड़ी थी। उसने कहा मौसी आज मैं तुम्हारी चूत को फाड़ डालूंगा। कितने दिनों से मै तुम्हे चोदना चाहता हूँ। लेकिन हर बार मुठ ही मारना पड़ जाता था। आज मैं तुम्हे खूब चोदूंगा। मेरी तो बुर में खुजली हो रही थी। मैंने कहा चोदेगा भी या कहेगा ही। उसने अपने लंड को मुझे सौंपा और चूसने को कहा। मैंने उसका लंड अपने मुँह में रख लिया। और चूसने लगी। कभी कभी मै उसके लंड को जीभ से चाटती। उसका लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था। पूरा लंड को मै गले तक ले जाती थी। अब वो भी जोश में आने लगा। अपना लंड मेरे मुँह में गले तक अंदर बाहर करने लगा।
उसने अपने लंड को मेरी मुँह से निकाल कर बाहर किया। अब उसने मुझे खडा किया। एक बार फिर वो मुझे किस करते हुए मेरे बूब्स दबाने लगा। मै चुदवाने के लिए तड़प रही थी। वो मुझे किस करता रहा। मेरी बूब्स इस बार बहुत ही सख्त हो गयी थी। अब उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। वो मेरी पैंटी के ऊपर से ही चूत पर हाथ फिराने लगा। मै बहुत ही गरम हो चुकी थी। उसने अब मेरी पैंटी पर अपनी नाक रख कर मेरी चूत को सूंघने लगा। उसे मेरी चूत की मादक खुशबू बहुत अच्छी लग रही थी। वो कुछ देर तक मेरी चूत को सूँघता रहा। लेकिन अब वो भी मुझे चोदने के लिए तड़प रहा था। उसने अपने मेरी पैंटी को नीचे से सरका के निकाल लिया। अब वो मेरी पैंटी को फिर से सूंघ के मुठ मारने लगा। मेरी टांगो को फैला कर उसने मेरी चूत की दोनों रसभरी पंखुड़ियों को निहारने लगा। उसने मेरी पैंटी को रख कर। मेरी चूत के दर्शकन करने के वो अपने लंड को पेलने को लिए तैयार कर रहा था। अब वो मेरी चूत पर मुँह को रख दिया। मैंने उसका सर पकड़ कर अपनी चूत पर चिपका दिया। वो मेरी चूत चाटने लगा। चूत की दोनों पंखुड़ियों को बारी बारी चूस रहा था। उसने अपने जीभ को भी मेरी चूत में डालकर। मेरी चूत की सफाई कर रहा था। लेकिन जब वो मेरी चूत के दाने को काटता था। तो मेरी मुँह से सी सी सी सी की आवाज निकल जाती थी। वो भी जान कर मेरी चूत के दाने को काट रहा था। मेरी चूत को चाट कर उसमें से चूत रस निकलवा दिया। उस रस का उसने रसपान भी किया उसने। अब मैं उसको चोदने को कहने लगी। उसने अपना लंड हाथ में पकड़ कर मुठ मारकर ठीक से खड़ा किया। उसने अपना लंड मेरी चूत से सटा दिया। उसने अपना लंड डालने की भरपूर कोशिश की। लेकिन उसकी कोशिश नाकाम रही। उसने थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगाया। इस बार पूरा जोर लगा के उसने लंड को धक्का मारा। उसका थोड़ा सा ही लंड अंदर गया था। कि मेरी चीख निकल पड़ी। लेकिन मैं चीख भी नहीं सकती थी। बाहर मेरे दादा जी बैठे थे। फिर भी कुछ आवाज निकल ही गई। उसने मुझे थोड़े ही लंड से चोदने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। उसने फिर कोशिश की और इस बार पूरा लंड अंदर चला गया। लेकिन मैं बहुत जोर से चिल्लाने वाली थी। लेकिन रोहित ने अपने हाथ से मेरा मुँह दबा लिया। मेरी आवाज दबकर रकह गई। लेकिन मेरी आँखों से आंसू निकल रहे थे।
अब वो मुझे धीरे धीरे चोद रहा था। दर्द से मेरा बुरा हाल हो रहा था। लेकिन दर्द से कहीं ज्यादा चुदाई का मजा भी आ रहा था। वो अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे कर रहा था। मेरा दर्द अब धीरे धीरे आराम हो रहा था।
अब वो मुझे धीरे धीरे चोद रहा था। दर्द से मेरा बुरा हाल हो रहा था। लेकिन दर्द से कहीं ज्यादा चुदाई का मजा भी आ रहा था। वो अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे कर रहा था। मेरा दर्द अब धीरे धीरे आराम हो रहा था।
मुझे अब और तेज चुदने का मन कर रहा था। मैं थोड़ा उछलने लगी। उसने सिग्नल पाते ही स्पीड बढ़ा ली। अब वो मुझे तेजी से चोद रहा था। चोदने की स्पीड अब 25 से 45 हो गई। लेकिन मेरी चुदास और बढ़ती गई। मै कहने लगी और तेज और और तेज। अब उसने भी अपनी स्पीड 45 से बढाकर 85 कर दी। वो-मौसी आज मैं चोद कर तुम्हारी चूत को भोषणा बना दूंगा। मैंने कहा तू और तेज चोद बहुत दिनों की प्यास है। इतनी जल्दी नहीं बुझने वाली। आज तू मेरी चूत का भोषणा ही बना डाल। अब वो मेरी चूत को जोर जोर से धक्के मार रहा था। मेरी मुह से अब “उ उ उ उ उ——अअअअअ आआआआ— सी सी सी सी—– ऊँ—ऊँ—ऊँ—-”
“—-उंह उंह उंह हूँ– हूँ— हूँ–हमममम अहह्ह्ह्हह–अई—अई—अई—–”
“आऊ—–आऊ—-हमममम अहह्ह्ह्हह—सी सी सी सी–हा हा हा–”
“आई—–आई—-आई— अहह्ह्ह्हह—–सी सी सी सी—-हा हा हा—”
“—-उंह उंह उंह हूँ– हूँ— हूँ–हमममम अहह्ह्ह्हह–अई—अई—अई—–”
“आऊ—–आऊ—-हमममम अहह्ह्ह्हह—सी सी सी सी–हा हा हा–”
“आई—–आई—-आई— अहह्ह्ह्हह—–सी सी सी सी—-हा हा हा—”
“—–ही ही ही ही ही——-अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह—– उ उ उ—”
“——अई—अई—-अई——अई—-इसस्स्स्स्स्स्स्स्——-उहह्ह्ह्ह—–ओह्ह्ह्हह्ह—-”
“–अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ—-अअअअअ—-आहा —हा हा हा”
ही निकल रही थी। उसने मेरे चूत को फाड़ कर उसका भरता बना डाला। मै – सी सी सी सी सी ई ई ई और तेज से चोदो मेरे राजा। मुझे आज अपनी चूत को भरता ही बनाना है। आज मुझे कस के चोदो मेरी जान। फाड़ दे चीर दे आज अपने मौसी की चूत। अब वो और भी तेज से चोदने लगा। मई सी सी सी ई सी सी ई कर रही थी। मै कई बार झड़ के अपनी चूत गीली कर चुकी थी। मेरी चूत से बस घच घच घच घच घच की आवाजें बाहर आ रही थी। उनका लंड गरम गरम लग रहा था। मेरी चूत को उस दिन सिकाई का आनंद प्राप्त हो रहा था। वो झड़ने वाला हो गया। इससे पहले की वो झड़ता उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया। अब वो मेरी निप्पलों को काटने लगा। मै- काटो मेरे राजा आज तुम मेरी चूची भी काट लो आह सी सी सी सी सी चूसो चूसो और जोर से चूसो मेरी चूची काटो भी मेरी संतरे जैसे चूचियों को। कुछ देर मेरी चूचियों को पीने के बाद फिर से उठ गया। मुझे कुतिया बनाने को कहा। मैं कुतिया बन गई। अब उसने पीछे से अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया। मुझे फिर से चोदने लगा।
“——अई—अई—-अई——अई—-इसस्स्स्स्स्स्स्स्——-उहह्ह्ह्ह—–ओह्ह्ह्हह्ह—-”
“–अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ—-अअअअअ—-आहा —हा हा हा”
ही निकल रही थी। उसने मेरे चूत को फाड़ कर उसका भरता बना डाला। मै – सी सी सी सी सी ई ई ई और तेज से चोदो मेरे राजा। मुझे आज अपनी चूत को भरता ही बनाना है। आज मुझे कस के चोदो मेरी जान। फाड़ दे चीर दे आज अपने मौसी की चूत। अब वो और भी तेज से चोदने लगा। मई सी सी सी ई सी सी ई कर रही थी। मै कई बार झड़ के अपनी चूत गीली कर चुकी थी। मेरी चूत से बस घच घच घच घच घच की आवाजें बाहर आ रही थी। उनका लंड गरम गरम लग रहा था। मेरी चूत को उस दिन सिकाई का आनंद प्राप्त हो रहा था। वो झड़ने वाला हो गया। इससे पहले की वो झड़ता उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया। अब वो मेरी निप्पलों को काटने लगा। मै- काटो मेरे राजा आज तुम मेरी चूची भी काट लो आह सी सी सी सी सी चूसो चूसो और जोर से चूसो मेरी चूची काटो भी मेरी संतरे जैसे चूचियों को। कुछ देर मेरी चूचियों को पीने के बाद फिर से उठ गया। मुझे कुतिया बनाने को कहा। मैं कुतिया बन गई। अब उसने पीछे से अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया। मुझे फिर से चोदने लगा।
मै बिस्तर पर कुतिया बनी थी। वो नीचे खड़ा होके मुझे चोद रहा था। मै हह ओह्ह आह कर रही थी। वो मुझे जोर जोर के धक्के मार रहा था। अपना पूरा लंड अंदर बाहर कर रहा था। मैं- रोहित आज तुम मेरी चूत को चोद के सूजा दो। वो और जोर से चोदने लगा। अब वो थक गया था। वो बिस्तर पर आके लेट गया। उसने अपना लंड खड़ा किया। और अपने खंभे जैसे लंड पर मुझे चूत रख के बैठने को कहा। मैंने अपनी चूत को उसके लैंड से सटा के उस पर बैठ गई। उसका पूरा लंड मैंने अपने चूत में भर लिया। ऊपर नीचे होकर मै चुदवाने लगी। कुछ ही देर में मैंने अपनी रफ़्तार पकड़ ली। जल्दी जल्दी ऊपर नीचे होने लगी। मै तो कई बार झड़ चुकी थी। अब वो भी झड़ने वाला हो गया। उसने मुझे जल्दी से हटाकर खड़ा हो गया। अपने लंड को मेरी मुँह के सामने करके मुठ मारने लगा। बहुत देर तक चोदा था उसने इसलिए उनका माल आसानी से बाहर नहीं आ रहा था। उसका लंड फूलने लगा। अब वो भी दर्द से चीखने लगा। कुछ दे बाद उनके लंड ने पानी छोड़ दिया। सारा पानी मेरी मुँह पर गिर रहा था। मैंने अपनी जीभ से उसके लंड के रस को चाटा। अब उसका दर्द ठीक हो गया था। हम दोनों बॉथरूम में गए। वहां भी हम लोगो ने मस्ती की। और फिर अपने अपने कपडे पहन कर दादा जी के पास चले गए। दोस्तों जब भी हम दोनों को मौका मिलता है। हम लोग चुदाई कर लेते हैं। कई बार मैंने अपनी बहन के घर जाकर चुदाई करवाई है। मैने अब तक कई लड़को को संतुष्ट किया है। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स kphot.ml पर जरुर दे।