रीता मल्होत्रा
उसका सपना था- शिक्षण द्वारा दुनिया को बदल देने का !उसकी महत्वाकांक्षा- भारत में शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक में एक शीर्ष व्याख्याता बनना !उसकी बाधा – प्रिंसीपल राज के समक्ष अंतिम साक्षात्कार !अपने स्वप्न को पूरा करने के लिए जब रीता ने छोटे शहर को त्याग कर महानगर में कदम रखा तो उसने सोचा नहीं होगा कि प्रतिष्ठित मिलेनियम विश्वविद्यालय में उसका अनुभव कैसा रहेगा !जब कॉलेज के प्रिंसिपल ने उससे उसके काए के प्रति समर्पण प्रदर्शित करने को कहा तो उसे नहीं पता था कि क्या करना है, कौन सी राह चुने वह और वह राह उसे कहाँ ले जाएगी?
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