(Hot Cousin Sis Xxx Kahani)
हॉट कज़िन सिस Xxx कहानी में पढ़ें कि स्कूल में जब मुझे मुठ मारने का पता चला तो मैं अपने घर में तरी कर रहा था. लेकिन मेरी बुआ की बेटी ने मुझे देख लिया. उसने क्या किया?
नमस्ते दोस्तो, मैं राहुल मेरठ शहर से हूँ. मैं दिखने में साधारण सा ही हूँ.
मेरे परिवार में हम 5 लोग हैं, मम्मी पापा और मेरे भाई बहन.
ऐसे तो मुझमें कुछ भी खास नहीं है, पर एक चीज जो मुझे औरों से अलग बनाती है, वह है मेरे सेक्स अनुभव!
अपने सेक्स करनामों के बारे में मैं अपनी आने वाली सेक्स कहानियों में एक एक करके आपको बताऊंगा.
तो चलिए मेरा सबसे पहला स्खलन कैसे हुआ, इससे हॉट कज़िन सिस Xxx कहानी शुरू करते हैं.
यह बात तब की है, जब मैं 12वीं क्लास में था.
मैं खासा गबरू लगने लगा था और सेक्स की दुनिया से एकदम गाफिल था.
सामने से लड़कियां निकलती थीं तो मुझे कोई अहसास ही नहीं होता था कि ये मुझ जैसे युवा के लिए देखने वाली आइटम है.
भले ही उसके दूध बड़े हों, तने हों … गांड मटक रही हो, मेरे लौड़े पर झांट असर नहीं होता था.
एक दिन मेरी क्लास में दो लड़के आपस में मुठ मारने के बारे में बात कर रहे थे और वह ये नहीं जानते थे कि पीछे बैठा मैं ये सब बड़े ध्यान से सुन रहा हूँ.
वह कल के अपने झड़ने के बारे में बात कर रहे थे.
उनमें से एक बता रहा था कि कैसे उसने पानी निकाल कर चैन की सांस ली.
तो दूसरा बोला कि मुझे तो मुठ मारकर बहुत अच्छी नींद आती है.
मैंने भी सोचा कि ये दोनों दिक्कतें तो मुझे भी हैं पर उससे भी बड़ी दिक्कत ये थी कि मुझे मुट्ठ मारना नहीं आता था.
ये सब कैसे किया जाता है और इसको करने के लिए क्या मारना पड़ता है जिससे मुट्ठ मार ली जाए.
अब मैंने तिकड़म लगाकर उनमें से एक को पटाया और पूछा- कैसे करते हैं ये सब?
उसने पूछा- क्या कैसे करते हैं?
मैंने उससे पूछा- वही मुट्ठ मारना … वह कैसे करते हैं?
हम दोनों स्कूल में कुछ और छात्रों के बीच उससे ये सवाल पूछ रहा था.
तो वह एकदम से सकपका गया और मेरा हाथ पकड़ कर एक तरफ खींचता हुआ ले जाने लगा.
मैंने कहा- क्या हुआ भाई … ऐसे क्यों खींच रहे हो?
उसने फुसफुसाते हुए कहा- अबे मरवाओगे क्या … सबके बीच में भी कहीं ऐसी बात की जाती है?
मैं समझ गया कि इसका मतलब हुआ कि ये गोपनीय बात है.
उसने एक ओर ले जाकर मुझे बताया – जब कोई ना देख रहा हो … और पहली बार कर रहे हो, तो लंड को तेल में चुपड़ लो और लंड की खाल को तब तक आगे पीछे करते रहो, जब तक कि उसमें से पानी ना निकल जाए.
यह बात मेरे दिमाग में बैठ गई.
फिर भी मैंने पूछा कि इसे ही मुट्ठ मारना कहते हैं?
वह अपना सर पीटता हुआ बोला- हां मेरे बाप … इसे ही मुट्ठ मारना कहते हैं. अब तू जा इधर से और इस बात की चर्चा किसी से भी नहीं करना.
अब यहां से शुरू होता है मेरा पहला सेक्स एनकाउंटर.
हुआ यूं कि जल्द ही मुझे वह टाइम मिल गया जिस समय में मैं घर में बिल्कुल अकेला था.
माफ़ कीजिए, मैं आपको बताना भूल गया कि हम अपनी ताई के मकान में रहते थे.
उनके कमरे का गेट और हमारे कमरे का गेट बस एक छोटी सी गैलरी से जुड़े हुए थे.
मैं कमरे में नीचे से नंगा लंड पर तेल लगाए मुट्ठ मारने के ख्यालों में बिजी था कि तभी मेरी नजर मेरे कमरे के गेट पर चली गयी जिसके बीच की झिरी में से कोई मुझे देख रहा था.
यह जानकर मेरे तो पैरों तले जमीन खिसक गयी, पर मैंने ना घबराते हुए कच्छा पहना और गेट खोल दिया.
मैं क्या देखता हूँ कि यह तो मेरी मुँह बोली बुआ की बेटी हैं जो तीन बच्चों की मां हैं, यानि मेरी छुटकी जीजी हैं.
दरवाजा खुला और वह अन्दर आ गईं.
अन्दर आते ही उनका पहला सवाल था कि क्या कर रहा था?
मैंने कहा- कुछ भी नहीं!
वे बोलीं- फिर आधा नंगा क्यों है?
मैं बोला- गर्मी लग रही थी.
उसी पल एक जोरदार तमाचा मुझे मारते हुए जीजी बोलीं- तेरे को क्या आधे शरीर में ही गर्मी लगती है? सच सच बता … नहीं तो मामा को फोन करती हूँ.
वे मामा को यानि मेरे पापा को फोन करने की कह रही थीं.
मेरी तो बिल्कुल ही फट गयी थी.
अब मैंने रट्टू तोते की तरह स्कूल की बात जीजी को सुना दी.
मैंने सोचा कि ये सुनकर तो मेरे और लगेंगे, पर जो उन्होंने बोला, वह मेरे तो पल्ले ही नहीं पड़ा.
एक तो तमाचे की गूँज और दूसरा बाप से मार का डर!
वे बोलीं- फिर क्या हुआ, निकल गया पानी?
मैंने कहा- नहीं निकला.
वे बोलीं- क्यों?
मैंने कहा- अभी ही शुरू किया था कि आपको देख लिया और आप अन्दर भी आ गईं.
वह बोलीं- तो उसमें क्या देर लगती है?
तब मैंने बोलना शुरू किया- मेरा खड़ा तो हो गया था, लेकिन आगे क्या करूँ, कुछ समझ में ही नहीं आया.
तब जीजी बोलीं- तेल लगाते ही तू जब लेट गया था, मैं तब से ही तुझे देख रही थी. तेरा खड़ा तो किसी रॉड की तरह रहता है, पर तुझमें कुछ कमी है. सोच कि तूने कभी किसी औरत को नंगी देखा है … मतलब वह सोच कि उसके दूध या सुसू!
मैं नहीं बोला.
तो वे हंसने लगीं और बोलीं- मेरे बुद्धू भाई, तू इतना बड़ा हो गया है कि 7 इंच का लंड लिए घूम रहा है और अब तक किसी को नहीं देखा.
मैंने कहा- सच में जीजी मैंने किसी को ऐसे नहीं देखा है.
वे बोलीं- दूध तो किसी बच्चे को पिलाते हुए भी दिख जाते हैं.
मैंने कहा- मेरा तो कभी ध्यान ही नहीं गया.
वे बोलीं- फिर क्या करेगा मुट्ठ मार के?
मैंने कहा- करना है … मतलब करना है जीजी. मुझे आज पानी निकालना ही है.
मैं इतना इसलिए बोल गया क्योंकि वे मुझसे नॉर्मल होकर बात कर रही थीं तो मुझमें ये सब कहने की हिम्मत आ गयी थी.
फिर जीजी बोलीं- निकालना ही है, तो मैं मदद कर दूंगी. पर बस एक ही बार. बाद में फिर कभी मुझे मत बोलना.
अब आप सब तो जानते ही हैं कि ये कैसी लत है. दरअसल जीजी तो मुझे फंसा कर अपने लिए जुगाड़ बना रही थीं.
मैंने हामी भरते हुए जीजी से वायदा किया.
वे आगे बोलीं- तू ऐसा कर, तायी जी के कमरे का गेट लगा कर आ जा.
मैं गया और फटाफट से गेट लगा आया.
अब जीजी बोलीं- जैसा मैं कहती हूँ, तू वैसा कर. तेरा पानी भी निकल जाएगा और तुझे मुट्ठ भी नहीं मारनी पड़ेगी.
मैंने कहा- ठीक है.
वह बोलीं- सबसे पहले अपने लंड को कपड़े से साफ कर.
मैं करने लगा, तो मैंने देखा कि जीजी अपनी साड़ी में हाथ डालकर अपनी पैंटी उतार रही हैं. उन्होंने पैंटी निकाल कर एक ओर रखी और ब्लाउज के हुक खोलने लगीं.
मैंने अपना लंड हिलाते हुए कहा- जीजी हो गया साफ!
वे बोलीं कि हो गया तो जरा रुक.
अब उन्होंने अपनी साड़ी पेट तक मोड़ ली और सीधी लेट गईं.
वह अपने हाथ से अपनी चूत की फांकों को अलग अलग करती हुई बोलीं- इसमें अपना लंड डाल कर आगे पीछे होना ही तुझे!
मैंने वैसा ही किया.
मैं घुटनों के बल बैठा और जीजी की चूत में अपना लंड पेल कर रुक गया.
जीजी की चूत में लंड डालते ही मुझे अच्छा लगने लगा और गर्म भी.
उधर जीजी के मुँह से भी आह निकल गई.
अभी तक भी मुझे यह नहीं पता था कि जीजी मुझ नासमझ से अपनी चूत चुदवा रही हैं … बल्कि मैं तो ये सोच रहा था कि कब मेरा पानी निकलेगा और मुझे अच्छी नींद आएगी.
मैंने लंड पेला तो मुझे उनकी चूत की गर्मी का अहसास हुआ.
लंड के धागे के टूटने से अजीब सा दर्द हो रहा था जो कि मीठा भी था और दर्द भी हो रहा था.
कुछ ही देर में मुझे जीजी के हाथ का स्पर्श मेरी गांड पर हुआ.
मैंने जीजी की आंखों की तरफ देखा, तो शायद वह आंखें मूँदे हुई मेरे लंड से मजा ले रही थीं.
मैंने लंड को जरा सा और अन्दर पेला, तो मुझे बड़ी तेज पीड़ा हुई. तब भी मैं लगा रहा.
कुछ ही देर बाद मुझे मजा मिलने लगा.
उधर जीजी चिल्लाती रहीं- आह और जोर से … और जोर से.
मैं लगा रहा.
अब मुझे भी अच्छा लग रहा था.
जीजी के झूलते हुए चूचे, चिकनी चूत में सरपट दौड़ता मेरा लंड … इसलिए मैं भी लगा रहा.
अब मुझे मजा आने लगा तो मैंने पता नहीं कैसे … पर उनके एक चुचे को मुँह में भर लिया और उसे जोर जोर से चूसने लगा, दूसरे को भींचने लगा.
जीजी की चूत से फच फच की आवाज़ आ रही थी. वे झड़ चुकी थीं.
मैंने पूछा- जीजी मेरा पानी कब निकलेगा?
जीजी बोलीं- तेरा पहली बार है ना … इसलिए पूरी बॉडी से घूम कर आने में टाइम लगेगा.
अब साला ये पानी पूरी बॉडी से किस तरह से घूम कर आता है, मुझे समझ ही नहीं आया.
पर जो भी हो, मुझे भी अब फुल मजा आ रहा था.
तभी जीजी बोलीं- रुक जरा … मैं घोड़ी बन जाती हूँ, इससे तेरा काम जल्दी हो जाएगा.
मैं खुश हो गया कि चलो फाइनली पानी निकल ही जाएगा.
अब जीजी घोड़ी बन गईं और मैं उन्हें चोदने लगा.
जीजी की चूत से अब भी फच फच की आवाज़ आ रही थी, पर अब पहले से कम आ रही थी.
जीजी बार बार झड़ कर टूट चुकी थीं तो बोलीं- मेरा हो गया, अब हट जा.
मैंने कहा- मेरा तो अभी भी नहीं निकला.
वे हैरान थीं और मैं परेशान.
आखिरकार वे बोलीं कि इधर आ.
मैं उनके सामने आ गया और वह मेरे लंड के सुपारे को पूरा बाहर निकाल कर मुँह में भरने लगीं.
जीजी लंड चूसे जा रही थीं.
मुझे तकलीफ तो हो रही थी, पर हॉट कज़िन सिस Xxx में मजा भी आ रहा था.
उसी समय मेरी आंखें बंद हो गईं और मेरे दिमाग में अभी जो हुआ, वह सब घूमने लगा यानि अब मेरे पास एक गंदी सोच थी, जिसकी वजह से मुझे जिस चीज की कमी थी. वह मिल गई थी.
मुझे जिसका इंतजार था, वह हो गया यानि पानी … जी हाँ वह निकल गया.
मेरे लौड़े का पानी जीजी के होंठों से बह कर गले तक जा रहा था.
अब जीजी बोलीं- जो हमने किया, उसे चुदायी कहते हैं. तुम्हारे हथियार को लंड … और मेरे पास जो है, उन्हें चूत और चूची बोलते हैं. अगर तुमने आज की बात किसी को बताई, तो मैं सबको बताऊंगी कि तुम मेरे आने से पहले क्या कर रहे थे.
मैंने कसम खायी और अपने कपड़े पहन लिए.
उसके बाद जीजी ने मेरा पानी निकलवाने में मेरी कई बार मदद की.
तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली हॉट कज़िन सिस Xxx कहानी?
आगे मैं बताऊंगा कि अपनी मौसेरी बहन, दो ताई, सास, सलहाज, साले की चाची सास और भी कई चुदाई की सच्ची आपबीती.
राहुल वर्मा
Vermanitin686@gmail.com